नई दिल्ली। बंगाल की खाड़ी में बने एक कम दबाब के क्षेत्र व साथ में राजस्थान के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने तथा टर्फ रेखा दक्षिण में आने से मॉनसूनी हवायों की सक्रियता बढ़ने से दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में पिछले एक सप्ताह से बीच-बीच में ज्यादातर स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई।
505.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई
हरियाणा राज्य में 1 जून से 14 सितम्बर तक भारत मौसम विज्ञान विभाग के आंकडो के अनुसार 505.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है जो सामान्य बारिश (418.8मिलीमीटर) से 21 प्रतिशत अधिक हुई है। बंगाल की खाड़ी में एक और कम दबाब के क्षेत्र बनने के साथ साथ अरब सागर से भी नमी वाली हवाएँ आने की संभावना से दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में मौसम 21 सितम्बर तक आमतौर पर परिवर्तनशील रहने की संभावना है। मौसम में परिर्वतन होने के साथ ही अब एक बार फिर से लोगों को भारी बारिश का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा। दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में जमकर बारिश होने के संकेत दिखाई दे रहे हैं।
बारिश ने सभी रिकार्ड तोड़ दिए
बता दें कि सितंबर के महीने में बारिश ने सभी रिकार्ड तोड़ दिए गए हैं। बारिश की अधिकता की वजह से कई सालों बाद इस महीने में इतनी बारिश दर्ज की गई है। जबकि मानसून की शुरूआत बेहद ही धीमी रही। जिसे देखते हुए संभावना जताई जाने लगी थी कि इस बार मानसून फीका रहेगा। पंरतु अगस्त महीने में मानसून ने अपनी रफ्तार पकड़ी और देखते ही देखते सितंबर में जमकर कहर ढहाया। दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में अगस्त और सितंबर महीने में मानसून ने अपना पूरा जलवा दिखाया, जिसके बाद लोगों को प्रचंड गर्मी से राहत महसूस हुई। मौसम विभाग के अनुसार एक बार फिर से संभावना दिखाई देने लगी है कि 21 सितंबर के बाद मौसम में परिवर्तन हो सकता है, जिसके बाद फिर से लोगों को बारिश का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।
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