Friday, March 31, 2023

जानें क्यों हरियाणा से यूक्रेन पढ़ाई करने जाते हैं बच्चे, वहां ऐसा क्या है जो अपने देश में नहीं

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नई दिल्ली : रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में प्रदेश और देश के लाखों लोग फंसे हुए है। हरियाणा के कई छात्र भी यूक्रेन में पढऩे के लिए गए थे। युद्ध के चलते वह भी वही पर फंसे हुए है, ऐसे में सभी के मन में यह जिज्ञासा है कि अपना सुरक्षित देश छोडक़र छात्र यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने क्यो जाते है। ऐसे में इस बात का खुलासा हुआ है कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के मुकाबले यूके्रन में मेडिकल की पढ़ाई काफी सस्ती है। जिससे अभिभावक भी अपने बच्चों को यूक्रेन में पढ़ाई के लिए भेज देते है।

मात्र 25 लाख में यूक्रेन में हो जाती है मेडिकल की पढ़ाई

यूके्रन में मात्र 25 लाख रुपए में मेडिकल की पढ़ाई हो जाती है। जबकि दिल्ली और उत्तर प्रदेश में एक करोड़ रुपए में मेडिकल की पढ़ाई होती है। इसके अलावा हरियाणा के सरकारी मेडिकल कॉलेज में 40 से 50 लाख रुपए में मेडिकल की पढ़ाई होती है। वहीं प्राइवेट मेडिकल कालेज में एमबीबीएस की फीस 80 लाख रुपए है।

पढ़ाई में पैसा कम सोशल सिक्योरिटी भी अच्छी

यूके्र न में पढ़ाई के लिए पैसा भी कम लगता है। वहीं सोशल सिक्योरिटी भी काफी अच्छी है। हालांकि रूस यूक्रेन युद्ध इसका अपवाद माना जा सकता है। राज्य के दो हजार युवा यूक्रेन मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए गए थे। युवा मेडिकल की पढ़ाई करने के बाद प्रैक्टिस भी वहीं पर करने लग जाते है। आपॅरेशन गंगा के तहत अभी तक यूक्रेन से
हजारों छात्रों को देश में लाया गया। वहीं 91 छात्र इसमें हरियाणा के शामिल है। वहीं हरियाणा में मेडिकल कालेजों की फीस में बढ़ोतरी भी कर दी गई है। जिससे शिक्षा और महंगी हो गई है। सरकारी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करने वाले छात्रों को 53 हजार रुपए फीस देनी होती थी। लेकिन अब सरकार ने मेडिकल कालेजों को नोटिस दिया है कि यह फीस बढ़ाकर 80 हजार रुपए से एक लाख रुपए तक होगी।

10 लाख रुपए सालाना भरना होगा बांड

इसके अलावा छात्र को सालाना 10 लाख रुपए बॉंड भरना होगा। यह बांड हर साल जमा कराना होगा। चार साल का कोर्स पूरा होने 40 लाख रुपए का यह बांड सरकारी नौकरी लगने पर चुकाना होता है। अगर छात्र की सरकारी नौकरी लगती है तो सरकार को यह पैसे सात साल में भरने होंगे। अगर सरकारी नौकरी नहीं लगती है तो छात्र को यह पैसे खुद भरने होते है। बांड भरने के लिए छात्रों के पास दो विकल्प होंगे। वह सरकारी बैंक से लोन लेकर यह बांड चुका सकते है। इसके अलावा वह अपनी जेब से भी पैसे दे सकते है। इस लोन को एजुकेशन लोन की ट्रीट किया जाएगा।

सीएम ने खुद बनाई है स्थिति पर नजर

प्रदेश के सीएम मनोहर लाल ने खुद पूरी स्थिति पर नजर बना रखी है। हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल के अनुसार आपॅरेशन गंगा के तहत कुल 91 छात्र वापस आ चुके है। बाकी छात्रों को भी वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है। हरियाणा में विदेश सहयोग के माध्यम से स्थापित किए गए इस हेल्प डेस्क में अब तक 400 से ज्यादा फोन कॉल और 800 से 900 वाट्सएप मैसेज और 800 ईमेल भेजे जा चुके है।

हरियाणा में 12 से अधिक मेडिकल कालेज का हो रहा निर्माण

हरियाणा में 12 से अधिक मेडिकल कालेज बनाए जा रहे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं इस बात की अपील कर चुके है कि मेडिकल कालेजों में फीस कम होनी चाहिए। प्रदेश के सीएम मनोहर लाल ने भी कहा कि सरकार कोशिश करेगी कि हर जिले में एक मेडिकल कालेज खोला जाए।

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