चंडीगढ़ : हरियाणा के अरावली क्षेत्र में 10000 एकड़ में बनने वाली दुनिया की सबसे बड़ी जंगल सफारी में दक्षिण अफ्रीका से विशेष तौर पर चीते लाये जाएंगे. इस जंगल सफारी को विकसित करने के लिए 5 साल का समय तय किया गया है. इस दिशा में हरियाणा सरकार ने अपनी ओर से तैयारियां तेज कर दी हैं. जंगल सफारी विकसित होने से आसपास के हजारों लोगों को रोजगार और नौकरियां भी मिलेंगी. जंगल सफारी विकसित करने के लिए अरावली फाउंडेशन का निर्माण किया जाएगा, जिसमें केंद्र और हरियाणा सरकार के प्रतिनिधियों के साथ निजी क्षेत्र के लोगों को भी शामिल किया जाएगा.
साउथ अफ्रीका से लाए जाएंगे चीते
इस जंगल सफारी की सबसे खास बात तो यह होगी कि इसमें मध्य प्रदेश की तर्ज पर दक्षिण अफ्रीका से चीते लाये जाएंगे. केंद्र सरकार ने हाल ही में दक्षिण अफ्रीका से 8 चीते मंगाए थे. जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी उपस्थिति में मध्यप्रदेश को भेंट किए थे. हरियाणा सरकार का कहना है कि मध्य प्रदेश की तरह से ही हरियाणा के जंगल सफारी में भी विशेष तौर पर साउथ अफ्रीका से चीते मंगाने की योजना बना ली है.
10000 एकड़ जमीन का चयन हुआ
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दावा किया है कि गुरुग्राम, फरीदाबाद और मेवात के पास जंगल सफारी बनाने का प्रोजेक्ट आरंभ कर दिया गया है. इसके लिए करीब 10000 एकड़ जमीन का चयन किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट के बीच में आने वाली जमीन पर कब्जे भी हटाए जाने की योजना है. बता दें कि शारजाह में 2000 एकड़ में जंगल सफारी बनी हुई है जिसे देखने के लिए देश-विदेश से लाखों लोग पहुंचते हैं. मगर हरियाणा में इससे 5 गुना बड़ी जंगल सफारी बनाए जाने की योजना है.
जंगल सफारी में होंगे 10 जोन
इसके लिए गुरुग्राम में 6000 और मेवात जिले के नूह में 4000 एकड़ जमीन चिन्हित की गई है. हरियाणा में बनने वाले जंगल सफारी में 10 जोन बनाए जाएंगे. शाकाहारी और मांसाहारी तथा जल में रहने वाले जानवरों के लिए अलग-अलग जोन निर्धारित किए जाएंगे. शेर, चीता, बाघ और तेंदुए के लिए 4 जोन बनाए जाएंगे. विदेशी पशु पक्षियों को रखने के लिए भी अलग से व्यवस्था की जाएगी. जंगल सफारी में पर्यटकों के लिए ट्रैकिंग, साइकिलिंग और वाकिंग के लिए अलग से स्थान बनाए जाएंगे. जंगल सफारी में देसी और विदेशी पर्यटकों के मनोरंजन का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा. इसके लिए बकायदा एक ऐसी लाइब्रेरी बनाई जाएगी जहां पर जंगल सफारी से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध होगी.
हजारों लोगों को मिलेंगी नौकरियां और रोजगार
हरियाणा सरकार का मानना है कि इस जंगल सफारी के बनने से आसपास के हजारों लोगों को रोजगार और नौकरियों के अवसर मिलेंगे. जंगल सफारी का डिजाइन बनाने के लिए इंटरनेशनल लेवल की कंपनियों से संपर्क किया जा रहा है. जंगल सफारी के आसपास लगते करीब एक दर्जन गांवों में विलेज टूरिज्म को भी बढ़ावा दिया जाएगा. इससे बड़े पैमाने पर लोगों को व्यवसाय और रोजगार के अवसर मिलेंगे. इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार भी हजारों करोड़ रुपए का बजट देगी. इस पूरे प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए कई निजी कंपनियों के लिए भी विकल्प खुले रखे जाएंगे.
दिल्ली एयरपोर्ट का मिलेगा लाभ
दिल्ली का इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट और द्वारका एक्सप्रेसवे का सीधा फायदा जंगल सफारी को मिलेगा. दिल्ली एयरपोर्ट से मात्र कुछ मिनटों की दूरी पर ही यह जंगल सफारी स्थित है. इसका एंजॉय लेने के लिए पर्यटक काफी संख्या में पहुंचेंगे. दिल्ली एनसीआर के लोगों के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं होगा. केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने जंगल सफारी बनाने के लिए अपनी ओर से सहमति प्रदान कर दी है. हरियाणा सरकार का मानना है कि यह जंगल सफारी दुनिया का सबसे बड़ा पर्यटक स्थल बनकर सामने आएगा.