नई दिल्ली : मुंबई की नाइट लाइफ की दुनिया दीवानी है. रातों को होने वाली वहां की चकाचौंध देखने के लिए लोग दूर-दूर से मुंबई पहुंचते हैं. कहते हैं कि मुंबई कभी नहीं सोती और दिन के साथ-साथ रात को वहां की रौनक कई गुना ज्यादा बढ़ जाती है. रात के समय मुंबई के बाजार, नाइट क्लब और शॉपिंग मॉल की रौनक देखते ही बनती है. लोग मुंबई की नाइट लाइफ को एंजॉय करने के लिए वहां जरूर जाते हैं. मगर अब इसी नाइटलाइफ का मजा दिल्ली में भी देखने को मिलेगा. दिल्ली में भी लोगों को रात की चकाचौंध का मजा देखने को मिलेगा.
दिल्ली में 24 घंटे खुल सकेंगे बाजार
दिल्ली की रौनक बढ़ाने के लिए उपराज्यपाल ने प्रदेश के 300 से भी अधिक संस्थानों को 24 घंटे खोलने की अनुमति प्रदान की है. जिसके बाद दिल्ली के लोग अपनी जरूरत की वस्तुओं को 24 घंटे खरीद सकेंगे. हालांकि दिल्ली देश की राजधानी होने के साथ-साथ थोक मार्केट का भी केंद्र बिंदु है. देशभर से लोग दिल्ली में बड़े पैमाने पर आते हैं. दिल्ली में प्रतिदिन लाखों लोगों का आवागमन रहता है. मगर रात को 10:00 और 11:00 बजे के बाद दिल्ली के अधिकांश बाजार बंद हो जाते हैं और दिन भर की रौनक रात को खामोशी में बदल जाती है. मगर उपराज्यपाल के निर्णय के बाद दिल्ली की सड़कों पर रात को भी रौनक दिखाई दे सकती है.
24 घंटे खुल सकेंगे यह संस्थान
300 से भी अधिक प्रतिष्ठानों को 24 घंटे खोलने का नोटिफिकेशन जल्द ही जारी होने वाला है. यदि यह प्रयोग सफल रहा तो आने वाले कुछ दिनों में इसका दायरा बढ़ाया जा सकता है. उपराज्यपाल ने जिन संस्थानों को खोलने की अनुमति प्रदान की है उनमें होटल, रेस्टोरेंट,शॉपिंग मॉल, ट्रांसपोर्ट तथा ऑनलाइन डिलीवरी शॉप भी शामिल है.
इसके अलावा दवाएं, आवश्यक उपभोक्ता वस्तुएं, लॉजिस्टिक सहित रात भर व्यवसाय संचालन के 314 आवेदनों को मंजूरी प्रदान की गई है.
रोजगार के अवसर होंगे पैदा
उपराज्यपाल वीके सक्सेना के इस निर्णय से दिल्लीवासियों को काफी लाभ और राहत मिलेगी. एक तरह से इसे दिल्ली वालों के लिए दिवाली का तोहफा भी माना जा रहा है. रात भर स्थानों के खुलने से लोगों को रोजगार भी मिलेगा. इसके साथ-साथ मुंबई की तर्ज पर दिल्ली में भी सारी रात और रौनक देखने को मिलेगी तथा लोगों को नाइट लाइफ एंजॉय करने का भी मौका मिलेगा. ऐसे में लोगों के बिजनेस और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.
इतने सालों से लंबित पड़े थे मामले
सरकारी अधिकारी ने बताया कि बहुत से मामले सालों से लंबित पड़े हुए थे. कुल 346 आवेदनों में से 18 तो ऐसे थे जो साल 2016 से लंबित थे जबकि 26 आवेदन साल 2017 से, 83 आवेदन साल 2018 से, 25 आवेदन साल 2019 से, चार आवेदन साल 2020 से और 74 आवेदन साल 2021 से लंबित पड़े हुए थे. उपराज्यपाल के इस फैसले पर लोगों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि इससे कारोबार को बढ़ावा मिलेगा और लोगों को भी सहुलियत मिलेगी.