Delhi: उत्तराखंड में कई पवित्र स्थल हैं जहां हर साला लाखों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं। लेकिन उत्तराखंड के ज़्यादातर पवित्र स्थल ऊंचाइयों पर हैं और वहाँ तक पहुँचने के लिए श्रद्धालुओं को कई कठिन पड़ाव पार करने पड़ते हैं। लेकिन सरकार अब इन पवित्र स्थल तक जाना आसान बना रही है।
हेमकुंड साहिब भी काफी ऊंचाई पर स्थित है जिसके लिए श्रद्धालुओं को 19 किमी का कठिन रास्ता पार करना पड़ता है। लेकिन अब हेमकुंड साहिब में जल्द ही रोपवे की सुविधा मिलने वाली है जिसका पीएम मोदी ने शिलान्यास कर दिया है। रोपवे की सुविधा से श्रद्धालुओं के लिए हेमकुंड साहिब के दर्शन करने के लिए आना जाना आसान हो जाएगा।
हेमकुंड साहिब में मिलेगी रोपवे की सुविधा
हाल ही में पीएम मोदी केदारनाथ और बद्रीनाथ के दर्शन करने के लिए उत्तराखंड पहुंचे थे जिसके बाद माणा जाकर पीएम मोदी ने जनसंवाद भी किया। इस दौरान पीएम मोदी ने हेमकुंड साहिब रोपवे का शिलान्यास किया है। बताया जा रहा है कि ये रोपवे दुनिया का सबसे ऊंचा और लंबा रोपवे होने वाला है। इस रोपवे के बनने के बाद श्रद्धालुओं को पैदल कठिन रास्ता पार करने की परेशानी नहीं होगी।
इतनी ऊंचाई पर है हेमकुंड साहिब
हेमकुंड साहिब 15200 फीट की ऊंचाई पर स्थित पवित्र गुरुद्वारा है जहां लाखों श्रद्धालु माथा टेकने आते हैं। वहीं साल में सिर्फ 5 महीने के लिए ही गुरुद्वारे के कपाट खोले जाते हैं। लेकिन अब जल्द ही रोपवे की सुविधा हेमकुंड साहिब में शुरू कर दी जाएगी जिससे बहुत कम समय में हेमकुंड साहिब पहुंचा जा सकता है।
जानिए कितना होगा किराया
गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक रोपवे बनाया जा रहा है। अभी हेमकुंड साहिब पहुँचने के लिए 19 किमी पैदल चलना पड़ता है लेकिन रोपवे बनने के बाद मात्र 45 मिनट में इस दूरी को तय किया जा सकता है। वहीं इसका किराया 1100 रु बताया जा रहा है।