Delhi: आज भी देश में ऐसी कई जगह है जहां बेटियां पढ़ाई लिखाई करने के सपने देख रही हैं। हरियाणा में भी एक ऐसा गांव है जहां की बेटियों को कॉलेज पहुंचने में 75 साल लग गए। जहां हरियाणा के करनाल की कल्पना चावला ने आसमान में उड़ान भरकर महिलाओं को एक नई पहचान दी। वहीं करनाल के ही गांव की बेटियों को कॉलेज जाने में इतना लंबा समय लगा।
हम बात कर रहे हैं करनाल के देवीपुर गांव की जहां आज भी ज्यादा लड़कियों को पढ़ाई लिखाई करने की इजाजत नहीं है। लेकिन गांव की बेटी नैना ने अपने सपनों को उड़ान देने के साथ-साथ अन्य लड़कियों के लिए भी मिसाल पेश करने का प्रयास किया है। आइए जानते हैं इस खबर से जुड़ी खास बातें
नैना ने अपने सपनों को दी उड़ान
दरअसल हरियाणा के करनाल के देवीपुर गांव में लड़कियों को पढ़ाई लिखाई करने की इजाजत नहीं है। गांव वालों का मानना है कि लड़कियां पढ़ाई लिखाई करने जाएंगी तो वह बिगड़ जाएंगी। लेकिन गांव की बेटी नैना को हमेशा से ही पढ़ाई लिखाई करने का शौक रहा है और इसी जुनून के कारण नैना ने अपने मजदूर पिता को पढ़ाई लिखाई करने के लिए मनाया।
नैना के पिता ने उन्हें सख्त हिदायत दी कि वह किसी दूसरे से बात नहीं करेंगी और ना ही फोन का इस्तेमाल करेंगी। इसके बाद नैना ने भी अपने पिता को आश्वासन दिया कि यदि वे कुछ भी गलत करते हैं तो उन्हें कोई भी सजा स्वीकार होगी। इसके बाद ही नैना ने शहर जाकर पढ़ाई करना शुरू किया।
आज गांव की अन्य बेटियां भी जा रही है कॉलेज
बताया जा रहा है कि अधिकारियों एवं एनजीओ के सहयोग से ही नैना ने शहर जाने के लिए बस की व्यवस्था को भी शुरू कराया और उनकी 10 बहने भी अब कॉलेज जा रही हैं। गांव की अन्य बेटियों को भी कॉलेज जाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है जिसमें काफी सकारात्मक रिस्पांस मिल रहा है। हालांकि शहर जाने के लिए एक पुल है जहां कुछ असामाजिक तत्व हैं जो लड़कियों पर भद्दे कमेंट करते हैं और उन पर पत्थरबाजी करते हैं। गांव वालों के कहने पर अब वहां पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है जिससे काफी राहत मिली है।