Delhi: अक्सर कई लोग मानते हैं कि जो लोग दिव्यांग होते हैं वे अपनी जिंदगी में कुछ नहीं कर सकते लेकिन आज हम आपको एक ऐसी होनहार नेत्रहीन बेटी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने अपनी इस कमजोरी को ताकत बना लिया और अपने सपने को पूरा किया। रानी खेड़ा की रहने वाली आयुषी बचपन से ही नेत्रहीन हैं लेकिन इसके बावजूद भी आज वे अपना सपना पूरा कर चुकी हैं।
आयुषी ने यूपीएससी 2021 के परीक्षा परिणाम में पूरे देश में 48वां स्थान हासिल किया जिसके बाद अब आयुषी का आईएएस अधिकारी बनने का सपना पूरा हो चुका है। इस सफर में उनके परिवार के साथ उनके दोस्तों ने भी खूब साथ दिया। आयुषी हमेशा से ही पढ़ाई लिखाई में अव्वल रही हैं लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें इस परीक्षा में सफलता पाने के लिए कई बार असफलताओं का सामना भी करना पड़ा। आइए जानते हैं
बचपन से ही नेत्रहीन हैं आयुषी
जानकारी के मुताबिक आयुषी बचपन से ही नेत्रहीन है लेकिन उन्होंने कभी भी इस बात को अपनी कमजोरी नहीं समझा। आयुषी एपीजे अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानती हैं और उनका उद्देश्य पूरे समाज को यह बताने का है कि दिव्यांग व्यक्ति भी अपने जीवन में सफलता को हासिल कर सकते हैं। 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद आयुषी ने दिल्ली के श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की।
इसके बाद आयुषी ने दिल्ली के केशव पुरम में स्थित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान से पढ़ाई की। आयुषी ने इग्नू से पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई के साथ-साथ जामिया मिलिया इस्लामिया से बीएड की पढ़ाई को भी पूरा किया है। आयुषी बता चुकी हैं कि स्नातक के दौरान भी उन्होंने हर वर्ष टॉप किया था। साथ ही आयुषी इतिहास विषय की शिक्षिका भी रह चुकी हैं। इस दौरान ही आयुषी ने यूपीएससी की तैयारी करना शुरू किया था।
4 बार सफलताओं का किया सामना
जानकारी के अनुसार आयुषी डीएसएसएसबी की परीक्षा में भी टॉप कर चुकी हैं जिसके बाद उन्होंने नौकरी ज्वाइन करने के बाद यूपीएससी की तैयारी करना शुरू कर दिया था और इस दौरान उन्होंने इस परीक्षा के कई अटेम्प्ट दिए लेकिन चार बार उन्हें असफलता ही हाथ लगी। लेकिन इसके बावजूद भी आयुषी ने हार नहीं मानी और अपने पांचवें प्रयास में आयुषी ने इस परीक्षा में पूरे देश में 48वां स्थान हासिल किया। वाकई आज आयुषी कई दिव्यांगों के लिए उनकी प्रेरणा बन चुकी हैं।