करनाल : देश और प्रदेश में लगातार ड्रोन पायलट की मांग बढ़ रही है। इसलिए अब हरियाणा सरकार द्वारा भी इसके लिए अहम कदम उठाया गया है। हरियाणा के करनाल में पहला रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन शुरू कर दिया गया है। इससे प्रदेश में युवाओं को ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
हरियाणा सरकार ने फूसगढ़ में सामुदायिक केंद्र में रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन को शुरू किया है। इसे हरियाणा का पहला आरपीटीओ बताया जा रहा है। देश और प्रदेश में सुरक्षा के साथ-साथ खेती-बाड़ी में भी ड्रोन पायलट की मांग बढ़ रही है इसलिए हरियाणा सरकार ने इस केंद्र को स्थापित करने का फैसला किया है।
युवाओं को मिल सकेगा रोजगार
बताया जा रहा है कि आने वाला समय ड्रोन का है इसलिए हरियाणा सरकार द्वारा संस्था ड्रोन इमेजिंग एंड इनफार्मेशन सर्विसेज ऑफ हरियाणा लिमिटेड का गठन किया गया है। जिसके द्वारा करनाल में आरपीटीओ का संचालन किया जाने वाला है। 1 अप्रैल 2023 से इसका संचालन शुरू कर दिया गया है। सरकार द्वारा पिछले 3 सालों से कृषि के क्षेत्र में भी ड्रोन को बढ़ावा दिया जा रहा है।
विभिन्न कृषि एवं बागवानी विश्वविद्यालयों के साथ-साथ अनुसंधान संस्थानों में भी ड्रोन का प्रदर्शन किया जा रहा है। इस संस्थान में भी युवाओं को ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिसके बाद अलग-अलग क्षेत्रों में युवा भी आसानी से रोजगार पा सकेंगे। दृष्या का चेयरमैन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, प्रबंध निदेशक आईएएस टीएल सत्य प्रकाश और सीईओ विंग कमांडर गिरिराज पूनिया को बनाया गया है।
1 साल में 500 युवाओं को मिलेगा प्रशिक्षण
बताया जा रहा है कि 1 साल में 500 युवाओं को ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण संस्थान द्वारा दिया जाएगा। ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं की उम्र 18 वर्ष से 65 वर्ष के बीच होनी चाहिए। साथ ही उनके पास आधार कार्ड और पासपोर्ट होना भी अनिवार्य है इसके लिए युवाओं को आरपीटीओ में पंजीकरण कराना होगा। इस संस्थान की फीस 25000 करने का प्रस्ताव भेजा गया है जिस पर जल्द ही फैसला लिया जा सकता है।