Delhi: हरियाणा में लगातार शिक्षा के स्तर को सुधारने का काम किया जा रहा है। साथ ही हरियाणा सरकार का प्रयास है कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चे भी अच्छी शिक्षा हासिल कर सकें और उनका भी निजी स्कूलों में पढ़ने का सपना पूरा हो सके। इसी कड़ी में निशुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत बड़ा फैसला किया गया है।
इस अधिनियम के तहत अब नर्सरी, केजी और प्रथम कक्षा में दाखिले के लिए मौलिक शिक्षा निदेशालय द्वारा नया शेड्यूल जारी कर दिया गया है जिसके तहत अब आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ने का मौका मिलेगा। इसके लिए सभी निजी स्कूलों को भी दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। आइए जानते हैं खबर से जुड़ी खास बातें
निजी स्कूलों में गरीब बच्चे भी ले सकेंगे निशुल्क शिक्षा
हरियाणा के मौलिक शिक्षा निदेशालय द्वारा अहम फैसला किया गया है जिसमें नर्सरी, केजी और प्रथम कक्षा में दाखिले के लिए नया शेड्यूल जारी किया गया है। कहा जा रहा है कि अब गरीब बच्चों को भी निजी स्कूलों में पढ़ने का मौका मिलेगा। आरटीई 2009 के तहत अब सभी प्राइवेट स्कूलों को भी आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए 25% सीटें आरक्षित करने के निर्देश दिए गए हैं।
आरक्षित सीटों की जानकारी न सिर्फ स्कूलों को नोटिस बोर्ड पर चस्पा करनी पड़ेगी बल्कि वेबसाइट पर भी अपलोड करनी होगी। इस नए नियम के अनुसार नए शैक्षणिक सत्र में भी गरीब परिवारों के बच्चों को दाखिला दिया जाएगा। इस नियम के तहत 1,80,000 से कम आय वाले विद्यार्थियों को दाखिला मिलेगा।
जानिए दाखिले से जुड़ा नया शेड्यूल
नर्सरी में दाखिले के लिए बच्चे की उम्र 3 से साढ़े पांच वर्ष, केजी के लिए 4 से साढ़े 6 वर्ष और प्रथम कक्षा के लिए साढ़े 5 वर्ष से अधिक तय की गई है। 15 अप्रैल तक आवेदन की प्रक्रिया चलेगी जिसके बाद में 17 अप्रैल को लॉटरी ड्रॉ निकाला जाएगा। 22 अप्रैल को दाखिले की अंतिम तिथि होगी। साथ ही 23 से 29 अप्रैल तक वेटिंग लिस्ट के आधार पर दाखिले होंगे। निर्देशों में साफ कहा गया है कि यदि कोई भी स्कूल अभिभावकों से पैसों की मांग करता है तो उस स्कूल के खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी।