रेवाड़ी : अक्सर ऐसी कई कहानियाँ वायरल होती हैं जो प्रेरणा देने का काम करती हैं और इन कहानियों को जानने के बाद वाकई हर कोई हैरान हो जाता है। ऐसी ही कहानी है रेवाड़ी की रहने वाली सुनीता की जिन्होंने अपनी जिंदगी में कई मुश्किलों का सामना किया लेकिन कभी हार नहीं मानी और आज उनकी कड़ी मेहनत रंग ला रही है।
सुनीता ने अपने बच्चों को खुद पढ़ाया लिखाया है और आज उनकी बड़ी बेटी खेल के क्षेत्र में अपनी माँ का नाम रोशन कर रही है। हालांकि सुनीता के लिए अपने बच्चों को इस मुकाम तक पहुंचाना बिल्कुल भी आसान नहीं था लेकिन सुनीता ने कभी हार नहीं मानी और आज इसका नतीजा सभी के सामने है। आइए जानते हैं
पति के लकवाग्रस्त होने के बाद संभाली बच्चों की ज़िम्मेदारी
बात है 2016 की जब रेवाड़ी की रहने वाली सुनीता के पति राजबीर के शरीर का आधा हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया। ऐसे में सुनीता के लिए भी काफी मुश्किल खड़ी हो गई क्योंकि उस समय उनके तीन बच्चे थे और तीनों की उम्र भी काफी कम थी। ऐसे में बच्चों के साथ साथ पूरे घर की ज़िम्मेदारी भी सुनीता के कंधों पर ही आ गई। लेकिन ऐसी स्थिति में भी सुनीता ने हार नहीं मानी।
उन्होंने अच्छे सके परिवार और बच्चों को संभाला जिसके बाद अब सुनीता के बच्चे उनका नाम रोशन कर रहे हैं। सुनीता की बड़ी बेटी अनुराधा को बचपन से ही हैंडबॉल खेलने का शौक है। सुनीता ने भी हमेशा अपनी बेटी प्रोत्साहित किया है। जिसका परिणाम आज सुनीता को भी देखने को मिल रहा है।
खेल के क्षेत्र में रोशन कर रही है नाम
सुनीता की बेटी अनुराधा अब तक अलग अलग स्तर पर कई मेडल जीत चुकी है जिस पर सुनीता को भी काफी गर्व होता है। 2022 में भी अनुराधा ने सीनियर नेशनल मे ब्रोंज मेडल भी जीता है। इसी के साथ उनकी बेटी बीपीएड की तैयारी भी कर रही है। सुनीता की छोटी बेटी बीकॉम प्रथम वर्ष में है और बेटा 12वीं की पढ़ाई कर रहा है।