करनाल : नारायण मजूमदार एक ऐसे शख्स हैं जिन्होंने मात्र ₹3 में दूध बेचना शुरू किया और आज डेयरी बिजनेस के मालिक बन चुके हैं। नारायण मजूमदार की कंपनी का नाम रेड कॉउ डेयरी है। कड़ी मेहनत के बाद ही नारायण मजूमदार ने अपने इस बिजनेस को खड़ा किया है और सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
पश्चिम बंगाल के नांदिया में जन्मे नारायण मजूमदार के पिता किसान थे और नारायण ने अपनी शुरुआती पढ़ाई स्थानीय स्कूल से पूरी की और इसके बाद 1975 में करनाल के एनडीआरआई से डेयरी टेक्नोलॉजी में बीएससी की डिग्री को हासिल किया। बताया जाता है कि इस कोर्स की फीस ₹250 थी लेकिन नारायण मजूमदार के पास इतने भी पैसे नहीं थे इसलिए उन्होंने पार्ट टाइम सुबह 5:00 बजे से लेकर 7:00 बजे तक ₹3 में दूध बेचना शुरू किया।
मदर डेयरी में भी कर चुके हैं काम
बताया जाता है कि दूध बेचकर नारायण को तीन रुपए की कमाई होती थी। पश्चिम बंगाल सरकार से उन्हें ₹100 की स्कॉलरशिप मिलती थी और उनके पिता उनके लिए 100रु भेजते थे जिससे फीस का इंतजाम हो पाता था। जैसे-तैसे नारायण को डिग्री भी मिल गई। इसके बाद नारायण ने कई बड़ी कंपनियों के साथ भी काम किया। सबसे पहले नारायण ने क्वालिटी आइसक्रीम के साथ काम किया जहां उन्हें ₹612 की सैलरी मिलती थी।
ऑफिस जाने के लिए उन्हें 5:00 बजे ट्रेन पकड़नी होती थी और सुबह 4:00 बजे नारायण उठ जाया करते थे। लेकिन नौकरी से उठ गए तो उन्होंने हिमालयन कोआपरेटिव में काम करना शुरू कर दिया। इसके बाद उन्हें मदर डेयरी में भी काम करने का मौका मिला। लेकिन कुछ समय यहां काम करने के बाद उन्होंने बहरीन में डैनिश डेयरी डेवलपमेंट में काम करना शुरू कर दिया लेकिन कुछ समय बाद वापस कोलकाता आ गए और मदर डेयरी के साथ जुड़ गए। यहां उन्होंने कंसलटेंट जनरल मैनेजर के पद पर भी काम किया।
फिर खड़ी कर दी अपनी कंपनी
नारायण मजूमदार इस क्षेत्र में अच्छा काम कर रहे थे इसलिए ठाकेर ने उनके लिए चिलिंग प्लांट भी लगवा दिया था और साल 2000 में नारायण ने 500 क्षमता वाला मिल्क टैंकर भी खरीदा धीरे-धीरे यह काम बढ़ता चला गया। कुछ नया इनोवेट करने के लिए 2007 में उन्होंने कोलकाता डेयरी के साथ गठजोड़ कर लिया। इसके बाद रेड काऊ पॉली पाउच की लॉन्चिंग भी की गई थी। आज इस कंपनी का कारोबार 800 करोड़ से भी ज्यादा का बताया जाता है और कई लोगों को यहां रोजगार भी दिया गया है।